नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन (National Register of Citizens- NRC) को लेकर बड़ा बयान दिया है. अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को हम 2024 से पहले लागू कर देंगे. एडिटर इन चीफ राहुल जोशी ने देश के गृह मंत्री से पूछा कि एनआरसी कब तक इम्प्लीमेंट हो पाएगा, इसका कोई रोड मैप है? इस पर अमित शाह ने कहा कि यह निश्चित रूप से 2024 से पहले लागू कर दिया जाएगा.
सम्मान बचाने के लिए आने वाले घुसपैठिए नहीं
हाल ही में एक स्पीच में अमित शाह ने कहा था कि जितने भी हिंदू हैं, ईसाई हैं, बौद्ध धर्म के लोग हैं और जैन हैं. वे सब हमारे देश में सुरक्षित हैं. लेकिन उन्होंने मुसलमानों का जिक्र नहीं किया था. इस पर जब गृह मंत्री की राय जाननी चाही गई तो उन्होंने कहा, 'सुरक्षित हैं, ऐसा नहीं कहा. इन लोगों को नागरिकता देंगे यह कहा था. इसके पीछे भी एक कारण है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के माइनॉरिटी अगर अपना धर्म बचाने के लिए इस देश की शरण में आते हैं और प्रताड़ित होकर आते हैं. अपनी माताओं, बहनों और बच्चियों का सम्मान बचाने के लिए यहां आते हैं तो वे शरणार्थी हैं, घुसपैठिए नहीं.'
सभी मुसलमान घुसपैठिए, ऐसा मेरा कहना नहीं
गृह मंत्री ने आगे कहा, 'अगर कोई रोजी रोटी के लिए आता है या कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए आता है तो वह घुसपैठिया होता है. सभी मुसलमान घुसपैठिए हैं ऐसा मेरा कहना नहीं है. उनपर धार्मिक प्रताड़ना होने की संभावनाएं नहीं हैं.' इसके साथ ही उन्होंने सवाल पूछा, 'बंटवारे के वक्त दोनों पाकिस्तान मिलाकर 30 प्रतिशत मुसलमान थे. अब 6.5 प्रतिशत हो गए. बाकी के कहां गए?'
बीजेपी के अगले एजेंडे और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पूछे गए सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यह हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है. उचित समय पर इस मामले पर पार्टी और सरकार दोनों चर्चा करेंगे. अभी इस बारे में कोई तिथि देना संभव नहीं है. हमारे घोषणा पत्र में है तो हमारा एजेंडा तो ऑटोमेटिक बनता है.
सम्मान बचाने के लिए आने वाले घुसपैठिए नहीं
हाल ही में एक स्पीच में अमित शाह ने कहा था कि जितने भी हिंदू हैं, ईसाई हैं, बौद्ध धर्म के लोग हैं और जैन हैं. वे सब हमारे देश में सुरक्षित हैं. लेकिन उन्होंने मुसलमानों का जिक्र नहीं किया था. इस पर जब गृह मंत्री की राय जाननी चाही गई तो उन्होंने कहा, 'सुरक्षित हैं, ऐसा नहीं कहा. इन लोगों को नागरिकता देंगे यह कहा था. इसके पीछे भी एक कारण है. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के माइनॉरिटी अगर अपना धर्म बचाने के लिए इस देश की शरण में आते हैं और प्रताड़ित होकर आते हैं. अपनी माताओं, बहनों और बच्चियों का सम्मान बचाने के लिए यहां आते हैं तो वे शरणार्थी हैं, घुसपैठिए नहीं.'
सभी मुसलमान घुसपैठिए, ऐसा मेरा कहना नहीं
गृह मंत्री ने आगे कहा, 'अगर कोई रोजी रोटी के लिए आता है या कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए आता है तो वह घुसपैठिया होता है. सभी मुसलमान घुसपैठिए हैं ऐसा मेरा कहना नहीं है. उनपर धार्मिक प्रताड़ना होने की संभावनाएं नहीं हैं.' इसके साथ ही उन्होंने सवाल पूछा, 'बंटवारे के वक्त दोनों पाकिस्तान मिलाकर 30 प्रतिशत मुसलमान थे. अब 6.5 प्रतिशत हो गए. बाकी के कहां गए?'
बीजेपी के अगले एजेंडे और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पूछे गए सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि यह हमारे घोषणापत्र का हिस्सा है. उचित समय पर इस मामले पर पार्टी और सरकार दोनों चर्चा करेंगे. अभी इस बारे में कोई तिथि देना संभव नहीं है. हमारे घोषणा पत्र में है तो हमारा एजेंडा तो ऑटोमेटिक बनता है.