वित्त मंत्रलय में हुई एक बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि विभागों और मंत्रालयों को नियमित रूप से भुगतान करने चाहिए क्योंकि इससे निवेष का चक्र घूमता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को हरसंभव प्रयास कर यह सुनिष्चित करना चाहिए कि फेस्टिव सीजन की शुरूआत से पहले ही सभी लंबित भुगतान कर दिए जाएं।
इस मौके पर मौजूद वित्त मंत्रलय के व्यय विभाग के सचिव जीसी मुमरू ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लगभग 60000 करोड़ रूपये के बिलों का भुगतान लंबित था। इसमें से करीब 40000 करोड़ रूपये के भुगतान को मंजूरी दी चुकी है। पिछले तीन महीने में 20157 करोड़ रूपये के लंबित भुगतान के लिए धनराषि जारी की जा चुकी है।
वित्त मंत्री ने बजट में आवंटित कैपिटल एक्सपेंडिचर की राषि को भी समय पर खर्च करने का आग्रह विभिन्न मंत्रलयों से किया। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि 23 अगस्त तक जीएसटी के मद में जितना रिफंड बकाया था, उसमें से 90 प्रतिषत अब तक दिया जा चुका है।
कैपिटल एक्सपेंडिचर के बारे में जानकारी देते हुए मुमरू ने कहा कि वित्त वर्श 2019-20 के लिए सरकार का कुल बजट 27.86 लाख करोड़ रूपये है जिसमें से 3.38 लाख करोड़ रूपये कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए आवंटित किया गया है। कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बजट में आवंटित धनराषि के अलावा विभिन्न मंत्रलयों और विभागों को 2.07 लाख करोड़ रूपये की सहायता राषि कैपिटल एसेट्स के निर्माण के लिए दी गई है। इस तरह वित्त वर्श 2019-20 में कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में कार्य करने के लिए 5.45 लाख करोड़ रूपये उपलब्ध होंगे। चालू वित्त वर्श में अगस्त तक कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में 1.36 लाख करोड़ रूपये उपलब्ध होंगे। चालू वित्त वर्श में अगस्त तक कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में 1.36 लाख करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं जो कि बजट में आवंटित राषि का 40.28 प्रतिषत है। जबकि पिछले वित्त वर्श की समान अवधि में बजट में आवंटित की गई राषि का लगभग 42 प्रतिषत हिस्सा खर्च हो गया था। इसी तरह कैपिटल एसेट्स के निर्माण के लिए दी गई सहायता राषि में से 82 हजार करोड़ रूपये खर्च हुए हैं जो कि बजट में आवंटित राषि का 39.7 प्रतिषत है। इसके अलावा मंत्रलयों ने बजट के अतिरिक्त भी 57 हजार करोड़ रूपये कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में आवंटित किए हैं जिसमें से 0.46 लाख करोड़ रूपये के खर्च को मंजूरी दी जा चुकी है।