जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं. अगला एक हफ्ता घाटी और देश के लिए काफी संवेदनशील बताया जा रहा है. अगले एक हफ्ते में दोनों देशों में कुछ न कुछ ऐसा होने वाला है जिसका सीधा असर कश्मीर पर पड़ेगा. इस हफ्ते घाटी के लोगों का मूड भी जानने को मिलेगा. कश्मीर घाटी के तेजी से बदल रहे हालात पर केंद्र सरकार लगातार नजर बनाए हुए है और सुरक्षा बलों को हर वक्त तैयार रहने की इजाजत दी गई है.
बता दें कि आठ और नौ अगस्त को पहली बार 370 हटाए जाने के बाद घाटी में जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी. इसी के साथ हज यात्री भी लौटेंगे. इसके लिए खासतौर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसी के साथ आठ और नौ अगस्त को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की 76वीं वर्षगांठ भी है. इसके बाद 12 अगस्त को बकरीद है. घाटी में करीब 96 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. बकरीद जम्मू-कश्मीर का प्रमुख त्योहार है. त्योहार को देखते हुए सुरक्षा में थोड़ी ढील दी जा सकती है. देखने वाली बात ये है कि अगर बाजार खुलते हैं तो कश्मीरी इस त्योहार को जिस तरह से मनाते हैं.
14 अगस्त को पाकिस्तान की आजादी का दिन
14 अगस्त को पाकिस्तान आजादी का जश्न मनाता है. पाकिस्तान ने ऐलान किया है कि वे आजादी का जश्न कश्मीरियों के साथ मनाएगा. इससे पहले 13 अगस्त को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत विरोधी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर कश्मीर घाटी में हर साल आतंकी संगठन पाकिस्तान का झंडा फहराने की कोशिश करते रहे हैं. ऐसे में जब अनुच्छेद 370 हटा लिया गए है ऐसे समय में पीओके की तरफ से कोई साजिश भी रची जा सकती है. 14 अगस्त को पाकिस्तान अपने देश के लोगों को खुश करने के लिए भारतीय सीमा पर फायरिंग कर सकता है.
15 को स्वतंत्रता दिवस
इसके अगले ही दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस बार 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के सभी 4 हजार पंचायतों और गांवों में तिरंगा फहराए जाने की घोषणा की गई है. अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद पहली बार ऐसा होगा जब कश्मीर में तिरंगा लहराता दिखाई देगा.
पठानकोट से घाटी में पहुंचाई जा रहीं जरूरत की चीजें
घाटी में पिछले कुछ दिनों से खराब हालात के बाद अब लोगों को रोजमर्रा की चीजें पहुंचाने का काम तेज कर दिया गया है. बताया जाता है कि जम्मू-कश्मीर में पठानकोट से दूध, ब्रेड और अन्य जरूरी खाने-पीने की चीजें भेजी जा रही हैं. घाटी में जरूरी सामान भी लोगों तक पहुंचाने का काम तेज कर दिया गया है. करगिल जिले में अभी भी धारा 144 लागू की गई है. करगिल में अभी भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.