क्राइम रिफॉर्मर एसोसिएषन के राश्ट्रीय अध्यक्ष डा. संदीप कटारिया ने बताया कि बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा भुगत रहा गुरमीत राम रहीम जेल से बाहर आने के लिए बेताब है, तो हरियाणा सरकार उसे वापस डेरे में पहुंचाने की तैयारी कर रही है। सरकार और बाबा की जल्दबाजी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि नियम कानून भी आड़े नहीं आ रहे हैं।
खास बात तो ये है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जेल मंत्री कृश्ण पवार और स्वास्थ्य मंत्री अनिज विज ने खुद गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने की पैरवी की है। अनिल विज ने तो यहां तक कह दिया कि गुरमीत सिंह राम रहीम एक आम इंसान के अधिकार के चलते पैरोल का हकदार है।
डा. कटारिया ने बताया कि नियमों के मुताबिक दो साल की सजा पूरी होने के बाद ही पैरोल दी जा सकती है, लेकिन गुरमीत राम रहीम ने दो साल पूरे होने से पहले ही पैरोल के लिए अर्जी दाखिल कर दी। उधर सुनारिया जेल प्रषासन ने दो साल की अवधि पूरी होने से पहले ही पैरोल के आवेदन को स्वीकार कर यह साबित कर दिया है कि बाबा का दबदबा आज भी कायम है।
डा. कटारिया ने बताया कि हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुरमीत राम रहीम के डेरे का मुख्यालय सिरसा में है। हरियाणा में उसके अनुयायियों की संख्या लाखों में है। अगर गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जाती है, तो इसमें एक और जहां सरकार का फायदा है वहीं दूसरी और बाबा को भी खुली हवा में सांस लेने का मौका मिलेगा। साथ ही सिरसा में सुनसान पड़ा डेरा सच्चा सौदा फिर से गुलजार हो जाएगा। राम रहीम डेरे में लौटकर फिर से अपने समर्थक जमा कर सकता है। वहीं सरकार इसके एवज में अपना वोट बैंक मजबूत कर सकती है। हालांकि हरियाणा सरकार के इस फैसले का चारों और विरोध हो रहा है।
डा. कटारिया ने बताया कि दो साल पहले पंचकुला सहित कई स्थानों पर हुए खून खराबे को याद करके लोग आज भी सिहर उठते हैं उधर, हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने माना है कि हरियाणा के गृह विभाग के पास गुरमीत राम रहीम का पैरोल आवेदन पहुंचा है, लेकिन सरकार ने फिलहाल उसके आवेदन पर कोई फैसला नहीं किया है। राज्य के गृह सचिव के मुताबिक अभी सरकार ने सिरसा और रोहतक जिला प्रषासन से रिपोर्ट मांगी है कि क्या गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जानी चाहिए? क्या उसको पैरोल देने के बाद इन जिलों में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है?
फिलहाल, गुरमीत राम रहीम के पैरोल के आवदेन ने हरियाणा के राजनीतिक सर्कल में फिर से हलचल पैदा कर दी है। देखना दिलचस्प होगा कि गुरमीत राम रहीम को जेल से छुट्टी मिलती है या फिर उसकी और भारतीय जनता पार्टी की एक दूसरे से फायदा उठाने की योजना धरी की धरी रह जाएगी। डा. कटारिया ने कहा कि यदि भाजपा सरकार ही अपने फायदे के लिए रेप करने वाले बाबा राम रहीम को जेल से बाहर लाना चाहती है तो बलात्कार करने वाले को सरकार सरे आम बलात्कार करने का मौका दे रही है। भाजपा सरकार केवल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ऐसा कर रही है क्योंकि आने वाले अक्टूबर माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार को अपने दम पर चुनाव जीतना चाहिए न कि बलात्कार करने वाले बाबाओं का सहारा लेना चाहिए। डा. कटारिया ने कहा कि सरकार ने बलात्कारी बाबा राम रहीम को जेल से छोड़ दिया तो देष में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
बलात्कारी बाबा राम रहीक को जेल से बाहर लाने की जल्दबाजी में भाजपा सरकार - डा. संदीप कटारिया